BHARAT ME LOK DEVTA – प्राचीन समय में भारत में ऐसे लोगों ने जन्म लिया था जिनमे या तो जन्म से कुछ देवीय सक्तिया थी जिनके कारन या फिर कुछ महापुरुषों ने ऐसे काम किये थे जिनके कामों की वजह से समाज में या लोगों के बीच वो पूजे जाने लगे और धीरे – धीरे उन्हें लोक देवताओं की संज्ञा दी जाने लगी आज के इस आर्टिकल में हम कुछ ऐसे ही लोक देवताओं के बारे में अपने विचार व्यक्त करेंगे।
BHARAT ME LOK DEVTA | भारत में लोक – देवता
- लाला हरदौल – ये उत्तरप्रदेश के लोकदेवता है। शादी विवाह के शुभ अवसर पर इनकी पूजा की जाती है जिसके बारे में ऐसी किवदंती है कि लाला हरदौल की मृत्यु के बाद उनकी बहन समाधि पर उन्हें शादी का न्यौता देने गयी थी तभी से ये परम्परा चल रह है।
- घतोइया बाबा – इन्हें वरुण देवता माना जाता है। इनके चबूतरे नदियों और तालाबों के किनारे बने होते हैं। मछुआरे, धोबी जाति के लोगों में विशेष रूप से पूजे जाते हैं। ये पश्चिमी उत्तरप्रदेश के लोकदेवता है। मैकासुर- इन्हें पशुओं के रक्षक देवता के रूप में पूजा जाता है। ये उत्तरप्रदेश के लोकदेवता है।
- मैकासुर- इन्हें पशुओं के रक्षक देवता के रूप में पूजा जाता है। ये उत्तरप्रदेश के लोकदेवता है।
- कारस देव – कारस देव का जन्म गढ-राजौर के राजा राजू चंदीरा गुर्जर के यहाँ भादो मास की चतुर्थी में हुआ था। कारस देव को पशुओं का वैद्य माना जाता है एवं कारस देव की पूजा पशु रक्षक देवता के रूप में की जाती है, इनके पूजा का स्थान एक ऊँचे टीले पर बनाया जाता है। इनके प्रसाद को पूजा परिसर से बाहर नहीं लाया जाता है, और प्रसाद को पूजा स्थल पर ही ग्रहण किया जाता है। इनके पूजा के समय में ही दरबार लगता है और ऐसा माना है कि इसी दरबार में कारस देव की कृपा एक विशेष व्यक्ति को प्राप्त होती है, और फिर वही व्यक्ति वहाँ पर उपस्थित होकर अन्य व्यक्तियों की समस्याओं का निदान करता है।
- बरहम बाबा या डीहवारबाबा – बिहार में बरहम बाबा को गाँव के संरक्षक देवता के रूप में पूजा जाता है। ऐसी मान्यता है कि बरहम बाबा गाँव के निवासियों की भूत-प्रेत से रक्षा करते हैं।
- बड़ादेव कमरुनाग-इन्हें हिमाचल प्रदेश में वर्षा के देवता के रूप में पूजा जाता है। ऐसी मान्यता है कि महाभारत में जिस योद्धा रतन यक्ष का सिर भगवान कृष्ण ने माँगा था, उन्हें ही हिमाचल में बड़ादेव कमरुनाग के नाम से पूजा जाता है।
- आदि ब्राह्मण- हिमाचल में इन्हें धन-धान्य, जल का देवता माना जाता है।
- हुरंग नारायण- हिमाचल प्रदेश में इन्हें बलराम के अवतार के रूप में पूजा जाता है। धूम्रपान करने वाला व्यक्ति यदि इन देवता के रथ के पास जाता है तो उसे जुर्माना देना पड़ता है।
- छमाहूँ देव- हिमाचल में इन्हें घटोत्कच रूप में आधा देवता व आधा राक्षस रूप में पूजा जाता है। इनके गुरु छांजणू देव को भी लोक देवता के रूप में पूजा जाता है।
- ऐड़ी देवता – उत्तराखण्ड में नैनीताल में इन्हें लोक देवता के रूप में पूजा जाता है। लोग इन्हें प्रसन्न करने के लिए धनुष-बाण व अस्त्र- शस्त्र भेंट करते हैं।
- सलहेस लोक देवता – उत्तर बिहार और नेपाल की तराई के इलाके में दुसाध जाति सलहेस देवता की पूजा करते हैं। कुछ विद्वानों का अनुमान है कि सलहेस दरअसल शैलेश का अपभ्रंश है, जिनका संप्रदाय पाँचवीं- छठी सदी में भी मौजूद था।
BHARAT ME LOK DEVTA | भारत में लोक – देवता
- न्याय के देवता गोलज्यू- कुमाऊँ (उत्तराखण्ड) में गोलज्यू के नाम से प्रसिद्ध यह लोक देवता न्याय के देवता माने जाते हैं। माना जाता है कि यह अन्याय और अत्याचार करने वाले पर क्रोधित होते हैं, इसलिए गाँव के लोग किसी दबंग द्वारा सताए जाने पर या भूमि, जंगल के विवाद में न्याय माँगने इनकी शरण में जाते हैं। अल्मो के जितई मंदिर में न्याय का आग्रह करने वाली ऐिसी कई चिट्टियाँ देखी जा सकती है। महासू लोक देवताओं की छवि भी न्यायकारी देवता की है।
- रक्षा के देवता लाटू- पिथौरागढ़, चम्पावत, बागेश्वर, चमोली और रूद्रप्रयाग आदि जिलों में लाटू को प्राकृतिक झंझावातों से बचाने वाले देवता माना जाता है।
गर्मियों में मवेशियों के साथ बग्वालों में जाने वाले ग्रामीण लाटू से अपनी भेड़-बकरियों की रक्षा के अलावा अपने परिवारों की समृद्धि की कामना करते हैं। यह मान्यता है कि नंदा देवी के भाई लाटू देवता उच्च हिमालय की मौसम संबंधी सारी बाधाएँ हर लेते हैं। - भूग्याल लोक देवता इन्हें कृषक समाज का देवता माना जाता है। माना जाता है कि ये प्राकृतिक आपदाओं से फसल की रक्षा करते हैं। प्रत्येक फसल के बाद ग्रामीण फसल का पहला हिस्सा लेकर पूजा-पाठ करने इनके मंदिर में जाते हैं।
- घटकू लोक देवता- राज्य के चम्पावत और लोहाघाट क्षेत्र में के जाने वाले घटकू बारिश के देवता हैं। किसी भी शुभ कार्य में सबसे पहले घटकू ही पूजे जाते हैं। इनसे यह कामना की जाती है कि शुभ काम में बारिश, ओलों या हिमपात के कारण विघ्न न पड़े
- सिंगाजी लोक देवता- मध्यप्रदेश में सिंगाजी एक गृह आदमी के और इन्हें लोक देवता माना जाता है। मध्यप्रदेश के पिपल्या गाँव में अगस्त सितम्बर के सप्ताह में इस देवता की स्मृति में मेले का आयोजन किया जाता है।
- बसावन मामा- बसावन मामा को विंध्य क्षेत्र में लोक देवता के रूप में विशेष रूप से पूजा जाता है, बसावन मामा वृक्ष (प्रकृति) रक्षक देवता के रूप में पूजे जाते हैं। बसावन मामा का चबूतरा पीपल के पेड़ के पास बना होता है और लोग सामान्यतः इसी चबूतरे की पूजा करते हैं और अपनी मनोकामना माँगते हैं। औरते बसावन मामा को अपना भाई मानती है। बसावन मामा ने वृक्षों की रक्षा के लिए अपना संपूर्ण जीवन त्याग दिया था। बसावन मामा के द्वारा किये गये इन्हीं कार्यों को स्मरण में मध्य प्रदेश सरकार के वन मंत्रालय द्वारा “बसावन मामा स्मृति पुरस्कार दिया जाता है।
BHARAT ME LOK DEVTA | भारत में लोक – देवता
- खाती बाबा- खाती बाबा की ख्याति बुंदेलखण्ड के क्षेत्रों में विशेष रूप से है, खाती बाबा की पूजा सर्प रक्षक देवता के रूप में की जाती है। झांसी (उत्तरप्रदेश) में खाती बाबा का एक प्रसिद्ध मंदिर है, जिसमें नागपंचमी के दिन बाबा की विशेष पूजा अर्चना की जाती है, और श्रद्धालु दूर-दूर से बाबा के दर्शन के लिए आते हैं। नागपंचमी के दिन ही खाती बाबा के मंदिर में विशेष मेले का आयोजन होता है।
- कुँवर साहब- पश्चिमी उत्तरप्रदेश में कुँवर साहब को एक लोक देवता के रूप में पूजा जाता है। सामान्यतः प्रत्येक गाँव के बाहर का एक चबूतरा बना होता है। जिसमें दो ईंटे रखी जती हैं। इसी चबूतरे को कुँवर साहब का स्थान माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि कुँवर साहब के पूजा से सर्प दंश के विष का प्रभाव कम हो जाता है।
- भीलट बाबा – भीलट बाबा की पूजा मुख्य रूप से भील जनजाति के लोग करते हैं। भीलट बाबा को सर्प रक्षक देवता के रूप में पूजा जाता
है। ऐसा माना जाता है कि भीलट बाबा इंसानो और पशुओं की रक्षा सर्प से करते हैं। - मेढ़िया बाबा- मेढ़िया बाबा की पूजा सामान्यतः खेतों के मेढ देवता के रूप में की जाती हैं। मेढ़िया बाबा की पूजा मुख्यतः किसान वर्ग के द्वारा की जाती है। खेतों में मेढ़ बनाते समय किसान मेढ़िया बाबा का ध्यान अवश्य करते हैं। जनमानस का विश्वास है कि मेढ़िया बाबा का ध्यान करने से फसल को किसी प्रकार की हानि नहीं होती है और फसल की पैदावर अच्छी होती है।
- मान गुरु गोवा में लोक देवता बाबा मान गुरु को काफी महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। विशेषतया होली से पहले गोवा के ग्रामीण बाबा माना गुरु का पाँच दिनों तक स्तुति गान करते हैं। इसे वहाँ पर सिग्मोत्सव कहा जाता है। इसमें विभिन्न गाँवों में बाबा माना गुरु के स्थान (चबूतरे) के सामने समई नृत्य करते हुये बाबा के गीत गाते हैं।
- बघोत बाबा उत्तर बिहार में बहुत सारे ऐसे लोकदेवता मौजूद हैं जिनको देवता इसीलिए माना जाता है कि उन्होंने बाघ से लड़ाई की थी।
- जोगी बाबा- इनके मन्दिर समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर और वैशाली के इलाके में कई स्थान पर देखे जा सकते हैं, इनकी मूर्ति ऊँट पर सवारी करते बनाई जाती है, जिससे यह संकेत मिलता है कि इनका सम्प्रदाय पश्चिमी भारत से आया था। इन लोक देवताओं का संबंध नाथपंथी साधुओं से लगता है जिसका प्रभाव विहार के एक बड़े इलाके पर था।
- अमर सिंह की पूजा मुख्य रूप से मिथिला के मल्लाह जाति के लोग करते हैं। अमर सिंह की प्रसिद्धि इस बात से थी कि उसने ब्राह्मण कुल की कन्या कमला को चमार की गिरफ्त से बचाया था जो कमला को अपहरण कर उससे विवाह करना चाहता था। अमरसिंह को कमला के आशीर्वाद से सिद्धि प्राप्त हुई और मल्लाहों के बीच पूजा जाने लगा।
- केवल सिंह- केवल सिंह ने स्थानीय जमींदार के चंगुल से पाँच सौ मल्लाहों को मुक्त कराया और बैगारी प्रथा को चुनौती दी। इसी कारण से मल्लाह लोगों में लोक देवता के रूप में पूजे जाते हैं।
- महाराष्ट्र में विठल विठला पांडुरंग एक हिंदू देवता है जिनकी पूजा मुख्य रूप से महाराष्ट्र में लोक देवता के रूप में होती है। उनको विशेष तौर पर भगवान विष्णु के अवतार कृष्ण की रूप माना जाता है।
BHARAT ME LOK DEVTA FAQs ?
प्रश्न – अमर सिंह की पूजा मुख्य रूप से कौनसी जाती के लोग करते है ?
उत्तर – अमर सिंह की पूजा मुख्य रूप से मिथिला के मल्लाह जाति के लोग करते हैं।
प्रश्न – खेतों में मेढ़ बनाते समय किसान किस लोक देवता की पूजा करते है ?
उत्तर – मेढ़िया बाबा की पूजा सामान्यतः खेतों के मेढ देवता के रूप में की जाती हैं।
प्रश्न – किस लोक देवता को प्रसन्न करने के लिए धनुष-बाण व अस्त्र- शस्त्र भेंट करते हैं ?
उत्तर – ऐड़ी देवता – उत्तराखण्ड में नैनीताल में इन्हें लोक देवता के रूप में पूजा जाता है।
प्रश्न – शादी विवाह के शुभ अवसर पर किस लोक देवता की पूजा की जाती है ?
उत्तर – लाला हरदौल – ये उत्तरप्रदेश के लोकदेवता है।
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