RAJASTHAN KA EKIKARAN | राजस्थान का एकीकरण

RAJASTHAN KA EKIKARAN | राजस्थान का एकीकरण |

RAJASTHAN KA EKIKARAN सर्वप्रथम 1800 ई. जार्ज थॉमस ने इस भू – भाग का सर्वेक्षण एवं अध्ययन किया और उन्होंने इस भू भाग को ‘राजपूताने’ का नाम दिया।

कर्नल जेम्स टॉड ने अपनी कृति ‘ एनाल्स एंड एन्टीक्विटिज ऑफ़ राजस्थान ‘ 1829 में सर्वप्रथम राजस्थान शब्द का प्रयोग किया।

स्वतंत्रता के समय राजस्थान में 19 रियासतें, 3 ठिकाने तथा 1 केंद्र शासित ( चीफ कमिश्नरी छेत्र ) प्रदेश था।

RAJASTHAN की 19 रियासतें :

1. अलवर 2. धौलपुर 3. उदयपुर 4. करौली 5. भरतपुर 6. बांसवाड़ा 7. प्रतापगढ़ 8. शहपुरा 9. डूंगरपुर 10. कोटा
11. बूंदी 12. झालावाड़ 13. टोंक 14. किशनगढ़ 15. जयपुर 16. बीकानेर 17. जैसलमेर 18. जोधपुर 19. सिरोही ।

RAJASTHAN के 3 ठिकाने :

1 कुशलगढ़ ( बांसवाड़ा )

2 नीमराणा ( अलवर )

3 लावा ( टोंक )

RAJASTHAN का केंद्र शासित प्रदेश

अजमेर – मेरवाड़ा

  • रियासतों में सबसे प्राचीन रियासत मेवाड़ जबकि सबसे नवीन रियासत झालावाड़ थी। छेत्रफल की द्रष्टि से सबसे बड़ी रियासत जोधपुर एवं सबसे छोटी रियासत शाहपुरा थी।
  • 1939 ई. के अखिल भारतीय देशी राज्य लोक परिषद में जवाहर लाल नेहरू की पहल पर राज्यों की जनसंख्या व राजस्व की न्यूनतम सीमाएं निश्चित की गई और भारत के 562 राज्यों को 14 भागों में बांटा गया।
  • अखिल भारतीय देशी राज्य लोक परिषद ने यह प्रस्ताव पारित किया की जिनकी जनसँख्या 20 लाख से कम एवं आय 50 लाख से कम हो उनको आस – पास के बड़े राज्यों में मिला देना चाहिए।
  • पृथक अस्तित्व रखने की इच्छुक रियासतों के लिए कम से कम 10 लाख की आबादी व 1 करोड़ की वार्षिक आय निश्चित की गई। राजस्थान में मात्रा चार राज्य ही इस शर्त को पूरा करते थे – जयपुर, जोधपुर, उदयपुर (मेवाड़ ) व बीकानेर।

RAJASTHAN KA EKIKARAN में बाधाएँ –

  • अलवर व भरतपुर में मेव जाती की समस्या थी। साथ ही गाँधी जी की हत्या में अलवर राज्य का नाम आने से स्वतंत्र नहीं छोड़ा जा सकता था।
  • जोधपुर नरेश हनुवंत सिंह पाकिस्तान के सात सपर्क स्थापित कर रहा था।
  • DHOLPUR OR BHARATPUR स्वतंत्र ब्रज प्रदेश का निर्माण KARNA चाहते थे।
  • मेवाड़ भी अपनी विशिष्ट ऐतिहासिक स्थति के कारण संघ में विलय का इच्छुक नहीं था। महाराणा ने सुझाव दिया की राजस्थान के बाकि राज्य चाहे तो मेवाड़ में मिल सकते है।
  • बिकानेर भी सीमांत प्रदेश होने के कारण भारत के लिए मत्वपूर्ण प्रदेश था।
  • यधपि सविंधान निर्मात्री सभा में बीकानेर का प्रतिनिधत्व था फिर भी शासक अपना स्वतंत्र अस्तित्व बनाये रखने का इच्छुक था।
  • बदलती हुई राजनितिक परिस्थतियों में मेवाड़ की नीति में परिवर्तन आया। मेवाड़ के महाराणा भूपाल सिंह ने 25 व 26 जून 1948 को राजस्थान, गुजरात और मालवा के राजाओं का सम्मलेन बुलाया जिसमे 22 राजा महाराजा शामिल हुए। इसमें राजस्थान यूनियन बनाने का सुझाव दिया गया।
  • कोटा के महारावल ने कोटा, बूंदी और झालावाड़ को मिलाकर सयुक्त राज्य बनाने का सुझाव दिया। डूंगरपुर के शासक लक्ष्मण सिंह ने भी बांगड़ राज्य ( डूंगरपुर, बांसवाड़ा व प्रतापगढ़ ) बनाने का असफल प्रयास किया।
  • देशी रियासतों के मसले को हल करने के लिए 5 जुलाई 1947 को लोहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के नेतृत्व में रियासती विभाग की स्थापना की। विभाग के सचिव वी.पी मेनन थे।

राजस्थान के एकीकरण का कार्य 1948 से प्रारभ्भ होकर 7 चरणों में होता हुआ 1 नवम्बर 1956 को पूरा हुआ।

प्रथम चरण – मत्स्य संघ

  • 18 मार्च 1948 को अलवर, भरतपुर, धौलपुर व करौली को मिलाकर मत्स्य संघ का निर्माण किया गया।
  • मत्स्य संघ KI राजधानी ALWAR को बनाया GYA।
  • अलवर प्रजामण्डल के प्रमुख श्री शोभाराम कुमावत को मत्स्य संघ का प्रधानमंत्री बनाया गया।
  • धौलपुर के शासक उदयभान सिंह को राजप्रमुख तथा करौली के महाराजा तेजसिंह को उपराजप्रमुख बनाया गया।
  • इस संघ का नाम मत्स्य संघ के. एम. मुंशी के सुझाव पर रखा गया।
  • मत्स्य संघ का उद्घाटन तत्कालीन केंद्रीय मंत्री एन. वी. गॉडगिल ने किया।
  • मत्स्य संघ में चार राज्यों में से एक – एक सदस्य लेकर मंत्रिमंडल बनाया गया। गोपीनाथ यादव ( भरतपुर ), मास्टर भोलानाथ ( अलवर ), डॉ. मंगल सिंह (धौलपुर) तथा चिरंजीलाल शर्मा ( करौली ) ने शपथ ली।

दूसरा चरण – RAJASTHAN संघ या पूर्व RAJASTHAN

  • 25 मार्च 1948 ई. को कोटा, बूंदी, झालावाड़, बांसवाड़ा, शाहपुरा, परतापगढ़, किशनगढ़, टोंक, व डूंगरपुर रियासत तथा कुशलगढ़ ठिकाने को मिलाकर राजस्थान संघ या पूर्व राजस्थान का गठन किया गया।
  • कोटा को राजस्थान संघ की राजधानी बनाया गया।
  • गोकुल लाल असावा को राजस्थान संघ का प्रधानमंत्री बनाया गया।
  • कोटा महाराव भीम सिंह को राजस्थान संघ का राजप्रमुख बनाया गया।
  • बूँदी के महाराव बहादुर सिंह को वरिष्ठ उपराजप्रमुख तथा डूंगरपुर के महाराव को कनिष्ठ उपराजप्रमुख बनाया गया।
  • राजस्थान संघ या पूर्व राजस्थान का उद्घाटन एन. वी. गॉडगिल के द्वारा किया गया।
  • शाहपुरा एवं किशनगढ़ रियासतों को तोप सलामी का अधिकार नहीं था।
  • बाँसवाड़ा के महारावल चंद्रवीर सिंह ने राजस्थान संघ के निर्माण के समय विलय पत्र पर हस्ताक्षर करते समय कहा कि ‘में अपने डेथ वारंट पर हस्ताक्षर कर रहा हुँ ।

तृतीय चरण – सयुंक्त RAJASTHAN

  • 18 अप्रैल 1948 को राजस्थान संघ में उदयपुर ( मेवाड़ ) के विलय से संयुक्त राजस्थान का निर्माण हुआ।
  • UDAIPUR को संयुक्त RAJASTHAN KI राजधानी बनाया GAYA ।
  • उदयपुर के महाराणा भूपाल सिंह को राजप्रमुख व कोटा महाराव भीम सिंह को उप राजप्रमुख बनाया गया।
  • माणिक्य LAL VARMA को संयुक्त RAJASTHAN KA प्रधानमंत्री BANAYA गया।
  • संयुक्त राजस्थान का उद्घाटन जवाहर लाल नेहरू द्वारा किया गया।

चतुर्थ चरण – वृहद RAJASTHAN

  • राममनोहर लोहिया की अध्यक्षता में समाजवादी दल ने राजस्थान आंदोलन समिति का गठन कर वृहद राजस्थान के निर्माण की योजना बनाई।
  • 30 मार्च 1949 को संयुक्त राजस्थान में जयपुर, बीकानेर, जोधपुर, व जैसलमेर को मिलाकर वृहद राजस्थान का निर्माण किया गया।
  • लावा ठिकाने को भी वृहद राजस्थान में शामिल किया गया।
  • JAIPUR KO वृहद राजस्थान की RAJDHANI बनाया गया।
  • हीरालाल शास्त्री को वृहद राजस्थान का प्रधानमंत्री बनाया गया।
  • मेवाड़ के महाराणा भूपाल सिंह को आजीवन महाराज प्रमुख
  • or जयपुर के महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय को राज प्रमुख बनाया गया।
  • कोटा के महाराव भीम सिंह तथा जोधपुर के महाराजा हनुवन्त सिंह को उप राजप्रमुख बनाया गया।
  • 30 मार्च 1949 को वृहद राजस्थान के रूप में राजस्थान के मौलिक एवं महत्वपूर्ण इकाई का गठन होने के कारण 30 मार्च को राजस्थान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • जोधपुर में उच्य न्यायालय, बीकानेर में शिक्षा विभाग, उदयपुर में खनिज विभाग तथा भरतपुर में कृषि विभाग स्थापित किया गया।
  • वृहद RAJASTHAN KA उद्घाटन SARDAR वल्लभ BHAI पटेल द्वारा KIYA गया।

पंचम चरण – संयुक्त वृहद RAJASTHAN

  • 15 मई 1949 को वृहद राजस्थान में मत्स्य संघ का विलय होने से संयुक्त वृहद राजस्थान का निर्माण किया गया।
  • नीमराणा ठिकाने को भी संयुक्त वृहद राजस्थान में शामिल किया गया
  • शंकर राव देव समिति की सिफारिश पर भारत सरकार ने मत्स्य संघ को वृहद राजस्थान में शामिल किया।
  • मत्स्य संघ के प्रधानमंत्री श्री शोभाराम कुमावत को पं. हीरालाल शास्त्री मंत्रिमंडल में शामिल किया गया।

छठा चरण – सिरोही का विलय

  • SARDAR वल्लभ BHAI PATEL सिरोही KO GUJRAT ME शामिल करना चाहते थे।
  • सरदार पटेल ने 1950 ई. में सिरोही के दो टुकड़े कर दिए जिसके फलस्वरूप सिरोही के दो प्रमुख आकर्षण देलवाड़ा व आबू रोड गुजरात में चले गए।
  • राजस्थान में गोकुल भाई भट्ट के नेतृत्व में इसका तीव्र विरोध किया गया।
  • 26 जनवरी 1950 ई. को सिरोही को संयुक्त वृहद राजस्थान में शामिल किया गया तथा राजस्थान ‘ ब ‘ ( ख ) श्रेणी का राज्य घोषित किया गया
  • संवैधानिक तौर पर राज्य का नाम ‘ राजस्थान ‘ हुआ।

सप्तम चरण – अजमेर का विलय

  • 1 नवम्बर, 1956 को फजल अली आयोग अर्थात राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिशों के आधार पर अजमेर – मेरवाड़ा तथा माउंटआबू को राजस्थान में शामिल कर लिया गया।
  • मध्य प्रदेश की मंदसौर जिले की भानपुरा तहसील का सुनेल टप्पा छेत्र राजस्थान में मिलाया गया तथा झालावाड़ जिले का सिरोंज छेत्र मध्य प्रदेश में मिलाया गया।
  • 1 नवम्बर, 1956 को राजप्रमुख के पद को समाप्त कर दिया गया तथा राज्य के प्रथम राज्यपाल के रूप में सरदार गुरुमुख निहाल सिंह को शपथ दिलाई गई

तथा रियासतों के शासको को मिल रही प्रिवीपर्स की सुविधा समाप्त कर दी गई।

  • सत्यनारायण राव समिति की सिफारिशों के आधार पर जयपुर को राजस्थान की राजधानी बनाया गया तथा जोधपुर में उच्य न्यायलय, बीकानेर में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग, कोटा में वन और सहकारिता विभाग तथा उदयपुर में खनिज एवं तकनिकी शिक्षा विभाग रखा गया।
  • राजस्थान 19 रियासतों, 3 ठिकाने एवं 1 केंद्र शासित प्रदेश ( अजमेर ) के एकीकरण के फलस्वरूप अस्तित्व में आया। RAJASTHAN KA EKIKARAN का यह महायज्ञ 8 वर्ष, 7 माह और 15 दिन में पूर्ण हुआ।
  • प्रारम्भ में राजस्थान ‘ ब ‘ श्रेणी का राज्य था किन्तु राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के लागु होने के बाद राजस्थान ‘ अ ‘ श्रेणी का राज्य बना।
  • संविधान के 7 वे संशोधन द्वारा ‘ ए ‘ एवं ‘ ब ‘ श्रेणी का भेदभाव समाप्त कर दिया गया तथा राजप्रमुख के स्थान पर राज्यपाल का पद सृजित किया गया।

RAJASTHAN KA EKIKARAN FAQs ?

प्रश्न राजस्थान के एकीकरण का कार्य कितने समय में पूरा हुआ ?

उत्तर 8 वर्ष, 7 माह, व 15 दिन।

प्रश्न किस समिति की सिफारिश पर अजमेर – मेरवाड़ा तथा माउंटआबू को RAJASTHAN में शामिल किया गया ?

उत्तर फजल अली आयोग।

प्रश्न सर्वप्रथम RAJASTHAN शब्द का प्रयोग किसने किया ?

उत्तर कर्नल जेम्स टॉड ने अपनी कृति ‘ एनाल्स एंड एन्टीक्विटिज ऑफ़ राजस्थान ‘ 1829 में सर्वप्रथम राजस्थान शब्द का प्रयोग किया।

प्रश्न मत्स्य संघ का प्रधानमंत्री किसे बनाया गया ?

उत्तर अलवर प्रजामण्डल के प्रमुख श्री शोभाराम कुमावत को मत्स्य संघ का प्रधानमंत्री बनाया गया।

प्रश्न स्वतंत्रता के समय राजस्थान में कुल कितनी रियासतें और ठिकाने थे ?

उत्तर स्वतंत्रता के समय राजस्थान में 19 रियासतें, 3 ठिकाने तथा 1 केंद्र शासित ( चीफ कमिश्नरी छेत्र ) प्रदेश था।

प्रश्न किन दो रियासतों को तोप की सलामी का अधिकार नहीं था ?

उत्तर शाहपुरा व किशनगढ़

प्रश्न RAJASTHAN संघ का प्रधानमंत्री किसे बनाया गया ?

उत्तर गोकुल लाल आसावा

प्रश्न RAJASTHAN संघ उद्घाटन किसके द्वारा किया गया ?

उत्तर एन. वी. गॉडगिल के द्वारा

प्रश्न राजस्थान विलय पत्र पर ” में अपनी डेथ वारंट पर हस्ताक्षर कर रहा हु यह कथन किसका है ?

उत्तर बाँसवाड़ा के महारावल चंद्रवीर सिंह ने राजस्थान संघ के निर्माण के समय विलय पत्र पर हस्ताक्षर करते समय कहा कि ‘में अपने डेथ वारंट पर हस्ताक्षर कर रहा हुँ ।

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