RAJASTHAN KE PRASHIDH MANDIR | राजस्थान के प्रशिद्ध मंदिर
RAJASTHAN KE PRASHIDH MANDIR पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भारत का ईतिहास और संस्कृति हजारो लाखों वर्ष पुरानी है और यहा इस संस्कृति के सात यहां के देवी, देवताओ का भी वर्णन पौराणिक कहानियों से जुड़ा है आज हम इस आर्टिकल में RAJASTHAN KE PRASHIDH MANDIR और उनसे जुडी बातों की जानकरी प्राप्त करेंगे।
RAJASTHAN KE PRASHIDH MANDIR
मंदिर | स्थान | अन्य तथ्य |
किराडू का मंदिर | बाड़मेर | यह मंदिर राजस्थान का खजुराहो कहलाता है। किराडू प्राचीन समय में किरात कूप के नाम से प्रशिद्ध रहा है। |
अम्बिका देवी का मंदिर | जगत , उदयपुर | मेवाड़ का खजुराहो कहलाता है। |
भंडदेवरा | बारां में | इसको राजस्थान का मिनी खजुराहो कहा जाता है । |
ब्रम्हाजी का मंदिर | पुष्कर अजमेर | यह राजस्थान में ब्रह्मा जी का प्रथम मंदिर है। इस मंदिर को अब राष्ट्रीय धरोवर बना दिया गया है। |
ब्रम्हाजी का मंदिर | बाड़मेर | ब्रम्हाजी का एक और मंदिर आसोतरा, बाड़मेर में स्थित है यह भारत का एकमात्र मंदिर है जिसमे सावित्री जी के सात ब्रम्हाजी की मूर्ति स्थित है। |
ब्रम्हाणी का मंदिर | बारां | विश्व का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां देवी की पीठ की पूजा अर्चना की जाती है |
बेणेश्वर महादेव | डूंगरपुर | भारत का एकमात्र मंदिर है जहां ( मेंडेश्वर, नवाटापरा ) खंडित शिवलिंग की पूजा होती है। इसे आदिवासियो का कुम्भ और बांगड़ का पुष्कर कहा जाता है। |
विभीषण मंदिर | केथून कोटा | सम्पूर्ण भारत में विभीषण जी का एकमात्र मंदिर यही पर स्थित है। |
कालिका माता मंदिर | चित्तौडग़ढ़ | चित्तौड के दुर्ग में स्थित यह मंदिर सूर्य को समर्पित प्राचीनतम सूर्य मंदिर है। |
रणकपुर के जैन मंदिर | नांदिया ( पाली ) | राणा कुम्भा के मंत्री जैन श्रावक धरणाकशाह द्वारा शिल्पी देपाकथ के सहयोग से मंदिर का निर्माण करवाया गया। |
श्रीनाथ जी का मंदिर | नाथद्वारा ( राजसमंद ) | बनास नदी पर स्थित है। वल्लभ सम्प्रदाय की प्रधान पीठ, औरंगजेब के समय 1671 ई में राजा राजसिंह द्वारा श्रीनाथ जी की मूर्ति वृन्दावन से यहा लाई गई। केले के पत्तो की सांझी – श्राद्ध पक्ष में यह झांकी आकर्षक रूप से सजाई जाती है। यह मंदिर श्री कृष्ण की 8 झांकी के लिए प्रशिद्ध है |
सालासर जी का मंदिर | चूरू | भारत का एकमात्र मंदिर, जिसमे दाढ़ी – मूंछ युक्त हनुमान जी की पूजा की जाती है। |
एकलिंग नाथ जी का मंदिर | उदयपुर | एकलिंग जी मेवाड़ के अधिपति एवं महाराणाओं के इष्टदेव कहलाते है और महाराणा इनके दीवान कहलाते है। |
श्री महावीर जी जैन तीर्थ | करौली | गम्भीरी नदी के किनारे स्थित श्री महावीर जी प्रशिद्ध लोकतीर्थ है। |
फूलदेवरा | अटरू ( बारां ) | कही भी चुने पत्थर प्रयोग नहीं किया गया |
ऋषभदेव जी का मंदिर | धुलेव ( उदयपुर ) | कोयल नदी के तट पर आदि तीर्थकर भगवान ऋषभदेव ( धुलेवा के धणी ) का विशाल मंदिर स्थित है स्थानीय आदिवासी लोग इन्हे ‘ कालाजी ‘ के नाम जानते है। यह केसरिया नाथ का मंदिर भी कहलाता है। |
जगदीश जी का मंदिर | उदयपुर | यह सपनो में बने मंदिर के नाम से प्रशिद्ध है। इसका निर्माण महाराणा जगतसिंह ( प्रथम ) द्वारा करवाया गया। |
ख्वाजा मोइनुददीन चिश्ती की दरगाह | अजमेर | इस विश्व प्रशिद्ध दरगाह में बड़ी देग व छोटी देग प्रशिद्ध है। |
राजस्थान के अन्य मंदिर
- 33 करोड़ देवी देवताओं का मंदिर – मंडोर ( जोधपुर ) में स्थित है।
- चारभुजा जी का मंदिर ( राजसमंद ) – भगवान विष्णु का मंदिर।
- द्वारकाधीश का मंदिर ( कांकरोली, राजसमंद ) – 1670 में राजसिंह द्वारा निर्मित, वल्लभ संप्रदाय का प्रमुख केंद्र है।
- वशिष्ठ का मंदिर ( सिरोही ) – यहाँ अग्निकुंड स्थित है जिसमे वशिष्ठ मुनि द्वारा चार राजपूत जातियों की उत्पत्ति का उल्लेख है।
- दिलवाड़ा जैन मंदिर – राजस्थान का सर्वश्रेष्ठ जैन मंदिर। इसके लिए टॉड ने लिखा है – ताजमहल को छोड़कर कोई भी ईमारत इस मंदिर की समानता नहीं कर सकती। यह मंदिर निम्न पांच मंदिरो का समूह है -1 विमलशाह ( विमलवसही ) का मंदिर , 2 लूणवसही का मंदिर, 3 पीतलहर आदिश्वर मंदिर, 4 खरतरवसही मंदिर, 5 महावीर स्वामी का मंदिर।
- केलादेवी का मंदिर ( करौली ) – इस मंदिर में लक्खी मेला लगता है। लांगुरिया – करौली में केलादेवी के भक्तों द्वारा उनकी भक्ति में गाया जाने वाला गीत।
- गणेश जी का त्रिनेत्र मंदिर ( सवाईमाधोपुर ) – यह मंदिर रणथम्भौर राष्ट्रीय पार्क में स्थित है।
- करणीमाता का मंदिर – ( देशनोक बीकानेर ) – काबा – करणीमाता के मंदिर में पाए जाने वाले सफ़ेद चूहे।
- जगत शिरोमणि का मंदिर ( आमेर, जयपुर ) – इस मंदिर में भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थित है।
- कपिल देव जी का मंदिर ( कोलायत बीकानेर ) – यहा तालाब की जगहा पहले कपिल मुनि का आश्रम था। यहा पर कार्तिक पूर्णिमा को मेला भरता है।
- खाटूश्याम जी मंदिर ( खाटू सीकर ) – यहाँ फाल्गुन व कार्तिक माह में विशाल मेला भरता है।
- नौ ग्रहो का मंदिर ( किशनगढ़, अजमेर )
- ऋषभदेव मंदिर ( सोनी जी की नसियां, अजमेर ) – 1865 ई में मूलचंद सोनी द्वारा निर्मित।
- रणछोड़ जी का मंदिर ( किराडू, बाड़मेर ) – इतिहास,पुरातात्विक तथा आध्यात्म की त्रिवेणी के नाम से विख्यात है।
नदियों के तट पर स्थित RAJASTHAN KE PRASHIDH MANDIR
मंदिर | नदी |
द्वारकाधीश मंदिर ( झालावाड़ ) | गोमती |
बेणेश्वर महादेव का मंदिर (डूंगरपुर ) | सोम, माही , व जाखम नदियों का संगम |
रणकपुर जैन मंदिर ( पाली ) | मधाई |
श्री महावीर जी करौली | गम्भीरी |
ऋषभ देव जी का मंदिर ( धुलेव ) | कोयल |
RAJASTHAN KE PRASHIDH MANDIR FAQs ?
प्रश्न- ‘राजस्थान का खजुराहों’ किसे कहा जाता है ?
उत्तर किराडू का मंदिर ,बाड़मेर को
प्रश्न- विश्व का एक मात्र मंदिर जहां देवी की पीठ की पूजा की जाती है ?
उत्तर ब्रम्हाणी का मंदिर बारां में
प्रश्न भारत का एकमात्र मंदिर जहां खंडित शिवलिंग की पूजा की जाती है ?
उत्तर बेणेश्वर महादेव डूंगरपुर
प्रश्न- सपनों में बने मंदिर के नाम से प्रशिद्ध है ?
उत्तर जगदीश जी का मंदिर उदयपुर
प्रश्न- करणी माता का मंदिर कहा स्थित है ?
उत्तर देशनोक , बीकानेर
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