Rajasthan Ki Bhogolik Vishestha | राजस्थान की भौगोलिक विशेषता | रेडक्लिफ रेखा | राजस्थान का प्राकृतिक विभाजन |राजस्थान की प्रमुख चोटियाँ |
Rajasthan Ki Bhogolik Vishestha राजस्थान के लिए कहा जाता है की राजस्थान एक विविधताओं वाला प्रदेश है आज हम राजस्थान की उन्ही विविधताओं के बारे में बात करेंगे।
राजस्थान की विविधताओं में सबसे पहले बात करते है Rajasthan Ki Bhogolik Vishestha की।
क्या आप भी राजस्थान से जुड़े सभी तथ्य और भौगोलिक विशेषता जानना चाहते है तो यह आर्टिकल आपके लिए है लास्ट तक पूरा पढ़े इसके सात ही अगर आप राजस्थान के किसी भी एग्जाम की तैयारी कर रहे है तो इनमे से प्रश्न जरूर पूछे जाते है।
रायथान – स्थानीय भाषा में इस शब्द का अर्थ शाशको का निवास स्थल से है जिसका प्रयोग राजस्थान के लिए किया जाता था।
शेखावाटी – शेखावाटी छेत्र में तीन जिले आते है – 1 सीकर , 2 चूरू ,व 3 झुंझनू शामिल है।
हाड़ौती – हाड़ौती छेत्र में चार जिले आते है – 1 कोटा , 2 बूंदी , 3 बारां और 4 झालावाड़ शामिल होते है।
बांगड़ – बांगड़ छेत्र में दो जिले शामिल होते है – 1 डूंगरपुर , 2 बांसवाड़ा।
Rajasthan Ki Bhogolik Vishestha
- सर्वप्रथम सूर्योदय राजस्थान में धौलपुर में होता है क्युके धौलपुर राजस्थान का सबसे पूर्वी जिला है और सबसे बाद में सूर्योदय जैसलमेर में होता है क्युकी यह राजस्थान का सबसे पश्चिमी जिला है।
- पूर्वी राजस्थान से पश्चिमी राजस्थान की और जिलों का आकार छेत्रफल की दृष्टि से बढ़ता जाता है और जनसँख्या की दृष्टि घटता जाता है।
- राजस्थान छेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य है जिसका छेत्रफल 3,42,239 वर्ग किमी है जो भारत के छेत्रफल का कुल 10.41 प्रतिशत है।
- राजस्थान की स्थलाकृति वेगनर सिद्धांत पर आधारित है।
- राजस्थान उपोष्ण कटिबंध में आता है।
- राजस्थान का विस्तार उत्तर दिशा में कोणा गांव ( गंगानगर ), दक्षिण में बोरकुण्ड गांव ( बांसवाड़ा ) तक 826 किमी तथा पश्चिम में कटरा गांव ( जैसलमेर ) से पूर्व में सिलाना गांव ( धौलपुर ) तक 869 किमी तक विस्तृत है।
Rajasthan Ki Bhogolik Vishestha आकार –
राजस्थान का आकार विषमकोण चतर्भुज के समान है इसकी कुल स्थलीय सीमा रेखा की लम्बाई 5,920 किमी है। राजस्थान की आक्षांशीय स्थति -23 डिग्री 03 मिनट उत्तरी अक्षांश से 30 डिग्री 12 मिनट अक्षांश उत्तरी अक्षांश तथा 69 डिग्री 30 पूर्वी देशान्तर से 78 डिग्री 17 मिनिट पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है। राजस्थान लगभग 9 डिग्री देशान्तरों के मध्य फैला है।
1 डिग्री देशान्तर को पार करने में सूर्य 4 मिनट का समय लेता है। इस प्रकार राजस्थान के पूर्वी और पश्चिमी भाग में लगभग 36 मिनट ( 9 * 4 = 36 ) का अंतर रहता है।
अर्थव्यवस्था का स्थाई लक्षण – अनवरत सूखा एवं असमान वर्षा है।
अधिकांश भाग मरुस्थली – राज्य का 61.11 प्रतिशत भाग ( 20,9142.25 वर्ग किमी ) रेगिस्तान है।
कर्क रेखा –
राजस्थान के दक्षिणी सिरे से डूंगरपुर को छूती हुई बांसवाड़ा ( कुशलगढ़ ) से होकर गुजरती है।
राजस्थान की उत्तरी सीमा पंजाब से , उत्तरी पूर्वी हरियाणा से , पूर्वी उत्तर प्रदेश से दक्षिणी – पूर्वी व दक्षिणी सीमा मध्यप्रदेश से तथा दक्षिणी पश्चिमी सीमा गुजरात को स्पर्श करती है।
मध्यप्रदेश – राजस्थान के सात सबसे लम्बी सीमा रेखा ( 1600 किमी ) बनाने वाला राज्य है
पंजाब – राजस्थान के सात न्यूनतम सीमा रेखा ( 89 किमी ) बनाने वाला राज्य है।
रेडक्लिफ रेखा –
राजस्थान की 1070 किमी लम्बी पाकिस्तान से लगने वाली यह रेखा गंगानगर के हिन्दूमल कोट से लेकर बाड़मेर के शाहगढ़ गांव तक है इस अंतराष्ट्रीय सीमा रेखा पर राजस्थान के गंगानगर, बीकानेर, बाड़मेर और जैसलमेर है ।
- जैसलमेर जिले के सात सर्वाधिक 464 किमी लम्बी अंतराष्ट्रीय सीमा लगी हुई है।
- बीकानेर जिले के सात सबसे छोटी 168 किमी लम्बी अंतराष्ट्रीय सीमा लगी हुई है।
- पाकिस्तान के 3 जिले बहावलपुर, मीरपुरखास, और खैरपुर जिले की सीमा लगी हुई है।
- कुराड़ा – नागौर जिले की परबतसर तहसील का गांव, राजस्थान राज्य के पुनर्गठन पूर्व सर्वप्रथम सन 1934 में ताम्र सामग्री का स्थल है।
Rajasthan Ki Bhogolik Vishestha का प्राकृतिक विभाजन
राष्ट्रीय कृषि आयोग ने अरावली श्रृंखला के पश्चिम व उत्तर पश्चिम में स्थित राज्य के 12 जिलों को रेगिस्तानी ( पशिमि राजस्थन के ) घोषित किया है।
पश्चिमी रेगिस्तान राजस्थान के कुल छेत्रफल का 58 प्रतिशत है , जबकि राजस्थान में कुल रेगिस्तानी छेत्रफल 61.11 प्रतिशत है।
थार का रेगिस्तान उत्तर – पश्चिम में 644 किमी लम्बा , 360 किमी चौड़ा है।
1 राजस्थान बांगर – यह छेत्र पूर्व में 50 सेमी व पश्चिम में 25 सेमी वर्षा द्वारा सीमांकित किया गया छेत्रफल है।
2 शुष्क मरुस्थल – उत्तरी – पश्चिमी मरुस्थलीय प्रदेश ( 25 सेमी वर्षा रेखा के पश्चिम में )
| उपभाग – पथरीला ( हम्माद ) मरुस्थल , मिश्रित ( रैग ) मरुस्थल , रेतीला मरुस्थल ( इर्ग ) ।
अनुदैधर्य – पवनों की दिशा में समांतर बनने वाले स्तूप।
अनुप्रस्थ – पवनो की दिशा के समकोण पर बनने वाले स्तूप।
टेथीस महासागर – इसके अवशेष आज भी राजस्थान की सांभर, डीडवाना , पंचपदरा आदि खारे पानी की झीलों के रूप में विधमान है।
मावठ ( शीतकालीन वर्षा ) –Rajasthan Ki Bhogolik Vishestha
- भूमध्य सागर से उठने वाले पश्चिमी विक्षोभों के द्वारा राज्य में कंही कंही वर्षा हो जाती है।
- शीत ऋतू में होने वाली इस वर्षा को मावठ कहा जाता है।
- मावठ की वर्षा रबी की फसलों के लिए लाभकारी होती है।
- इसलिए राजस्थान में मावठ को गोल्डन ड्रॉप्स के नाम से भी जाना जाता है।
टाट /रन – वर्षा के पानी का तलियो में जमने से बनी अस्थाई झीले टाट या रन कहलाती है।
पीवणा – राजस्थान के पश्चिम भाग में पाया जाने वाला सबसे विषैला सर्प है।
समगांव ( जैसलमेर ) – राजस्थान का पूर्णयता वनस्पति रहित छेत्र है।
आकलगांव ( जैसलमेर ) – यहा पर राजस्थान का एकमात्र जीवाश्म पार्क स्थित है।
मध्यवर्ती अरावली प्रदेश –Rajasthan Ki Bhogolik Vishestha
अरावली पर्वतमाला सबसे प्रचीन है और यह राजस्थान के गोंडवाना भूखंड का एक भाग है।
यह पर्वत श्रृंखला उत्तर – पूर्व में दिल्ली के समीप से दक्षिण – पश्चिम में पालनपुर ( गुजरात ) तक लम्बाई लिए हुए विस्तृत है।
अरावली पर्वतमाला राज्य के कुल भू भाग का 9.1 प्रतिशत लिए हुए है , यहा राज्य की लगभग 7 प्रतिशत जनसँख्या निवास करती है।
भोराट का पठार
- उदयपुर के उत्तर पश्चिम में गोगुन्दा व कुंभलगढ़ के मध्य भाग में स्थित अरावली पर्वत श्रृंखला का छेत्र है।
- इसे स्थानीय भाषा में भोराट के पठार के नाम से जाना जाता है।
- इस पर्वत की सबसे ऊँची चोटी जरगा नाम से विख्यात है।
राजस्थान की प्रमुख चोटियाँ –
1 गुरु शिखर ( माउन्ट आबू – शिरोही – 1727 मी. ) – अरावली अरावली पर्वत माला की सबसे ऊँची चोटी है । जेम्स टॉड ने गुरु शिखर को संतो का शिखर कहा है। यह छेत्र सर्वाधिक वर्षा वाला छेत्र भी है , यह राजस्थान का एकमात्र पर्वतीय पर्यटक स्थल भी है।
2 सेर ( मा. आबू – सिरोही 1597 मी ) – यह अरावली की दूसरी सबसे ऊँची चोटी है।
3 जरगा ( उदयपुर )- 1431 मी
4 अचलगढ़ ( सिरोही ) – 1380 मी
5 रघुनाथगढ़ ( सीकर – 1055 मी )– उत्तरी अरावली की सबसे ऊँची चोटी
6 तारागढ़ ( अजमेर – 873 मी ) – मध्य अरावली की सबसे ऊँची चोटी
7 उड़िया पठार – गुरु शिखर के निचे स्थित पठार है, उड़िया पठार राजस्थान का सबसे ऊँचा पठार है। यह आबू पर्वत से 160 मीटर ऊँचा है।
8 भौरट का पठार ( उदयपुर ) – राज्य का तीसरा सबसे ऊँचा पठार है।
9 भाकर ( सिरोही ) – अरावली की टेडी मेडी कटक पहाड़िया।
10 गिरवा ( उदयपुर ) – तस्तरीनुमा आकृति की पहाड़ियों की श्रृंखला को स्थानीय भाषा में गिरवा कहा जाता है।
पूर्वी मैदानी प्रदेश
- पूर्वी मैदानी प्रदेश राजस्थान के सबसे उपजाऊ छेत्रो में से एक है।
- पूर्वी मैदानी प्रदेश में राजस्थान का 23.3 प्रतिशत भाग आता है। जनसँख्या का सर्वाधिक घनत्व भी इसी छेत्र में पाया जाता है।
- इस छेत्र में राज्य की लगभग 40 प्रतिशत जनसँख्या निवास करती है।
- इस छेत्र में उपजाऊ दोमट व जलोढ़ मिटटी पाई जाती है।
- छप्पन का मैदान ( बांगड़ छेत्र ) – प्रतापगढ़ और बांसवाड़ा के बीच के भाग में स्थित छप्पन ग्रामो का समूह / छप्पन नदी – नालो का परवाह छेत्र।
- डांग – चम्बल बेसिन में स्थित खड़्ड एवं उबड़ – खाबड़ भूमि युक्त अनुपजाउ छेत्र है यह डाकुओं का आश्रय छेत्र है।
दक्षिणी – पूर्वी पठारी प्रदेश
- राजस्थान के दक्षिण – पूर्व छेत्र ( कोटा, बूंदी, झालावाड़, बारां ) में विस्तृत।
- यह काली मिटटी का छेत्र है जिसकी मुख्य नदी चम्बल है। अगर देखा जाये तो राजस्थान का दक्षिण पूर्वी – भू आकृतिक प्रदेश अस्पष्ट अधर परवाह का छेत्र है।
- इसमें राजस्थान का 9.6 प्रतिशत भू – भाग आता है व इसके सात ही 13 प्रतिशत जनसँख्या निवास करती है ।
- हाड़ौती पठार के दो भाग है 1 विन्ध्या कगार भूमि, 2 दक्कन लावा पठार ।
- ऊपरमाल – दक्षिण – पूर्वी राजस्थान के दक्कन लावा पठार छेत्र में भैंसरोडग़ढ़ ( चितौडग़ढ़ ) से बिजोलिया ( भीलवाड़ा ) तक का भू भाग आता है।
Rajasthan Ki Bhogolik Vishestha FAQs ?
प्रश्न – रेडक्लिफ की कुल लम्बाई कितनी है ?
उत्तर – 1070 किमी
प्रश्न – कर्क रेखा राजस्थान के किस जिले से होकर गुजरती है ?
उत्तर- कर्क रेखा राजस्थान के बांसवाड़ा ( कुशलगढ़ ) से होकर गुजरती है।
प्रश्न – राजस्थान के सात न्यूनतम और सर्वाधिक सीमा बनाने वाला राज्य कौनसे है ?
उत्तर – मध्यप्रदेश सर्वाधिक 1600 किमी और पंजाब न्यूनतम 89 किमी
प्रश्न – छप्पन का मैदान कहलाता है ?
उत्तर – प्रतापगढ़ और बांसवाड़ा के बीच के भाग में स्थित छप्पन ग्रामो का समूह।
प्रश्न – उपजाऊ दोमट व जलोढ़ मिटटी पाई जाती है ?
उत्तर – पूर्वी मैदानी प्रदेश में उपजाऊ दोमट व जलोढ़ मिटटी पाई जाती है।
प्रश्न – गिरवा कहा जाता है ?
उत्तर – गिरवा ( उदयपुर ) तस्तरीनुमा आकृति की पहाड़ियों की श्रृंखला को स्थानीय भाषा में गिरवा कहा जाता है।
निष्कर्ष
अगर आप भी राजस्थान की भौगोलिक विशेषता के बारे में देख रहे है तो ” हमने आपको इस से संबंधित जानकारी देने की कौशिश की है और हमारे द्वारा दी गई जानकारी बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त बुक या राइटर की है जिसको आप कही भी चलेंज कर सकते है।
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