राजस्थान में 3 शिल्पग्राम हैं :- जवाहर कला केन्द्र – जयपुर पाव शिल्पग्राम – जोधपुर हवाला शिल्पग्राम – उदयपुर

पॉटरी कला | POTRY KALA – RAJASTHAN ME HASTHSHILP

टैराकोटा मिट्टी की कला –RAJASTHAN ME HASTHSHILP यह कला मोलेला (राजसमंद), हरजी गाँव (जालौर) की प्रसिद्ध है।

कागजी पॉटरी – RAJASTHAN ME HASTHSHILP यह थानागाजी, अलवर की प्रसिद्ध है।

मीनाकारी – RAJASTHAN ME HASTHSHILP – मीनाकारी में लाल व हरे रंग का प्रयोग होता है।

कपड़े की कला – RAJASTHAN ME HASTHSHILP – कपड़े का काम रंगाई-छपाई कहलाता है।

बंधेज – RAJASTHAN ME HASTHSHILP – जब कपड़े पर किसी जगह रंग नहीं चढ़ाना होता है। तब कपड़े को बाँध दिया जाता है। जिसे बूँदी बाँधना कहते हैं। बंधेज कला मुल्तान से राजस्थान आई थी।

लहरिया – RAJASTHAN ME HASTHSHILP जब कपड़े को लहरों में बाँध दिया जाता है तब आड़ी रेखाएँ बन जाती हैं जिसे लहरिया कहते हैं।

पड़/फड़ चित्रण – RAJASTHAN ME HASTHSHILP – कपड़े पर किसी लोक देवता की चित्रों सहित प्रशंसा का चित्रण करना फड़ कहलाता है।